रहे ना रहे हम, महका करेंगे - The Indic Lyrics Database

रहे ना रहे हम, महका करेंगे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - रोशन | फ़िल्म - ममता | वर्ष - 1966

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रहें ना रहें हम महका करेंगे
बनके कली, बनके सबा, बाग-ए-वफ़ा में
मौसम कोई हो इस चमन में रंग बनके रहेंगे हम ख़िरामाँ
चाहत की ख़ुश्बू यूँ ही ज़ुल्फों से उड़ेगी, खिज़ा हो या बहारें
यूँ ही झूमते और खिलते रहेंगे, बनके कली..
खोये हम ऐसे, क्या है मिलना, क्या बिछड़ना नहीं है याद हमको
कूंचे में दिल के जबसे आये सिर्फ़ दिल की ज़मीं है याद हमको
इसी सरज़मीं पे हम तो रहेंगे, बनके कली..
जब हम ना होंगे, जब हमारी ख़ाक पे तुम रुकोगे चलते चलते
अश्कों से भीगी चाँदनी में एक सदा सी सुनोगे चलते चलते
वही पे कहीं हम तुमसे मिलेंगे, बनके कली..