ओ बाबू साब ओ मेम साब क्या रखा इस तकरार में - The Indic Lyrics Database

ओ बाबू साब ओ मेम साब क्या रखा इस तकरार में

गीतकार - प्रदीप | गायक - आशा भोंसले, मन्ना दे | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - तलाक | वर्ष - 1958

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ओ बाबू साब
ओ मेम साब

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ओ बाबू साब
ओ मेम साब
क्या रखा इस तक़रार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार मेंअरे रूठो न sisterमन जाओ misterमिल के रहो सनसार में
ज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब
ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साबअच्छी नहीं है आपस में अनबन
सुनो सुनो शिरीमन जी
हाँ सुनो सुनो शिरीमन जी
लड़ना तो madamहै इक लड़कपन
इसमें बड़ा नुकसान जी
हाँ सुनो सुनो शिरीमन जी
क्यूँ बैठे हट के मुखड़ा पलट के फिर से बंधो इक तार मेंज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब
ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साबमिया और बीवी के झगड़ों ने राजा
लाखों घरों को उजाड़ा
मीठी शैतानी हँसती में रानी
घर को बनाओ ना अखाड़ा
अब छोड़ो ये गर्मी आने दो नर्मी
छोड़ो ये गर्मी आने दो नर्मी
ग़ुस्से के तीखे ख़ुमार मेंज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब
ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साबदुल्हन मे किसको जो रहना है तो ??
ग़ुस्से पे कुछ controlकरो
हाँ ग़ुस्से पे कुछ controlकरो
अपनी अकड़ पे breakलगाओ जी
झूठा बड़प्पन गोल करो
ग़ुस्से पे कुछ controlकरो
झगड़ा न करना डूबेगी वरना
नइया सभी मझधार मेंज़रा तो आँखें देखो मिला के बड़ा मज़ा है प्यार में
ओ बाबू साब
ओ मेम साब
ओ बाबू साब मेम साब