धिरे धिरे चल चंद गगन में - The Indic Lyrics Database

धिरे धिरे चल चंद गगन में

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - शंकर, जयकिशन | फ़िल्म - प्रेम विवाह | वर्ष - 1959

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धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
अरे, धीरे धीरे चल, चाँद गगन में
कहीं ढल ना जाये रात, टूट ना जायें सपने
धीरे धीरे चल, चाँद गगन मेंवो क्या चीज़ थी, मिलाके नज़र गिरा दी
हुआ वो असर, के हमने नज़र झुका दी
गुन गुन गूँजे राग, आज पवन में
धीरे धीरे चल चाँद गगन मेंदो दिल मिल गये, दिये जल गये हज़ारों
अजी, तुम मिल गये, तो गुल खिल गये हज़ारों
होंगी दो दो बात आज मिलन में
अरे, धीरे धीरे चल चाँद गगन में