ओ तेरे नैनों के मैं दीप जलाउंगा - The Indic Lyrics Database

ओ तेरे नैनों के मैं दीप जलाउंगा

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - एस डी बर्मन | फ़िल्म - अनुराग | वर्ष - 1972

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र : ओ तेरे नैनों के मैं दीप जलाऊँगा
अपनी आँखों से दुनिया दिखलाऊँगा
तेरे नैनों के ...ल : अच्छा
वो क्या है
र : एक मन्दिर है
ल : उस मन्दिर में
र : एक मूरत है
ल : ये मूरत कैसी होती है
र : तेरी सूरत जैसी होती है
ल : वो क्या हैमैं क्या जानूँ छाँव है क्या और धूप है क्या
रंग-बिरंगी इस दुनिया का रूप है क्या
वो क्या है
र : एक पर्वत है
ल : उस पर्वत पे
र : एक बादल है
ल : ये बादल कैसा होता है
र : तेरे आँचल जैसा होता है
ल : वो क्या हैर : मस्त हवा ने घूँघट खोला कलियों का
झूम के मौसम आया है रंग-रलियों का
ल : वो क्या है
र : एक बगिया है
ल : उस बगिया में
र : कई भँवरे है
ल : भँवरे क्या रोगी होते हैं
र : नहीं दिल के रोगी होते हैंल : ऐसी भी अन्जान नहीं मैं अब सजना
बिन देखे मुझको दिखता है सब सजना
र : अच्छा
तो वो क्या है
ल : वो सागर है
र : उस सागर में
ल : इक नैया है
र : अरे तूने कैसे जान लिया
ल : मन की आँखों से नाम लिया
वो क्या है