ये समान ये नज़ारे खो गये हैं - The Indic Lyrics Database

ये समान ये नज़ारे खो गये हैं

गीतकार - समीर | गायक - बाबुल सुप्रियो, अनुराधा पौडवाल | संगीत - जतिन, ललित | फ़िल्म - | वर्ष - 2000

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ये समां ये नज़ारे खो गए हैं
हम कसम से तुम्हारे हो गए हैं
रहता है दिल जाने कहां
बेताब से हम हैं यहां
ज़ुबां पे इन लबों पे बस तेरा नाम है
बेगाने इस जहां मेएं क्या हमें काम है
ये समां ये नज़ारे ...अजी तुमसे जबसे मुहब्बत हुई हमारी अजब सी ये हालत हुई
तुमने खता की दिल लूटने की तुमको मिली है इसकी सज़ा
ये समां ये नज़ारे ...दुआ में तुम्हें मांगना आ गया हमें रात भर जागना आ गया
सच कह रहे हैं दर्द-ए-जिगर का होता है दिलबर अपना मज़ा
ये समां ये नज़ारे ...हमें बाज़ुओं में छुपा लो सनम ये चाहत है कैसी बताओ सनम
डर लग रहा है मदहोशियों में हम कर न बैठें कोई खता
ये समां ये नज़ारे ...