कामोश निगाहें ये सुनाती हैं कहानी - The Indic Lyrics Database

कामोश निगाहें ये सुनाती हैं कहानी

गीतकार - डी एन मधोकी | गायक - एस डी बातीश | संगीत - पं अमरनाथ | फ़िल्म - दासी | वर्ष - 1944

View in Roman

ख़ामोश निगाहें ये सुनाती हैं कहानी -२
लो आज चली ठोकरें खाने को जवानी
ख़ामोश निगाहें -२ये मान लिया पंछी
ये मान लिया काट लिये पर हैं किसी ने
पर दिल की कहानी तो है पिया को सुनानी
ख़ामोश निगाहें -२हर सू है अन्धेरा तो दिया इक भी जले क्यूँ
फूटी हुई क़िसमत को है अब ठोकरें खानी
ख़ामोश निगाहें -२है रात सुहानी दिये जलते हैं हज़ारों -२
हसरत के अंधेरे से बनी आज दीवानी
आज दीवानी
ख़ामोश निगाहें -२शायद ये तेरे उजड़े हुए दिल की है तसवीर
पानी की रवानी में चिराग़ों की रवानी
ख़ामोश निगाहें -२घर-बार उजाड़ा तेरी फ़ुरक़त में जुनूं से
सीने से लगा रखी है इक तेरी निशानी
इक तेरी निशानी
ख़ामोश निगाहें -२बाज़ार में ढूँढा तुझे गलियों में पुकारा
अफ़सोस किसी ने ना सुनी और ना मानी
और ना मानी
ख़ामोश निगाहें -२दिन-रात तुझे ढूँढ रही
ए दिन-रात तुझे ढूँढ रही हैं मेरी आँखें
जायेंगे जहाँ ले चले अश्क़ों की रवानी
ख़ामोश निगाहें -२तक़दीर दर-ए-यार पे आख़्हिर मुझे लायी
हाँ तक़दीर दर-ए-यार पे आख़िर मुझे लायी
सुन दिल की कहानी मेरी आँखों की ज़ुबानी
ख़ामोश निगाहें -२