हरे भरे बाग के फूलों पे रिझा खय्याम् - The Indic Lyrics Database

हरे भरे बाग के फूलों पे रिझा खय्याम्

गीतकार - | गायक - के एल सहगल | संगीत - लाल मोहम्मद | फ़िल्म - उमर खैय्याम | वर्ष - 1946

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हरे भरे बाग़ के फूलों पे रीझा खैय्याम -२
हाँ
तारों का शैदा हुआ -२
चाँद में खोया खैय्याम -२
हरे भरे बाग़ के फूलों पे रीझा खैय्यामप्यारी प्यारी सूरतें -२
पहलू से दिल ले गईं -२
बन गया कुछ रोज़ में -२
हुस्न का बन्दा खैय्याम -२
हरे भरे बाग़ के फूलों पे रीझा खैय्यामलेकिन मुझे मालूम हुआ
कि यहाँ की हर चीज़ फ़ानी हैफ़ानी चीज़ का -२
प्यार भी फ़ानी -२
लहर ये दिल में आई
( छोड़ के आखिर सब कुछ मैने
लौ मालिक से लगाई ) -२भूल गया हर चीज़ यहाँ की
इश्क़-ए-ख़ुदा में खोया -२
अल्ला हू के रंग में रंग कर -२
मसज़िद दिल में बनाई -२फ़ानी चीज़ का
प्यार भी फ़ानीफिर तो मेरी आँखों को
ज़र्रे-ज़र्रे में वो ही वो नज़र आने लगाप्यार से मैने कलियों को चूमा -२
बुलबुलों के तराने पे झूमा -२
हुस्न को उसका जलवा समझ कर
मैं हसीनों के मजमें में घूमा
मेरे दिल में समाया वो ही वो