कहते हैं मुझसे इश्क का अफसाना चाहियें - The Indic Lyrics Database

कहते हैं मुझसे इश्क का अफसाना चाहियें

गीतकार - क़मर जलालवी | गायक - गुलाम अली | संगीत - | फ़िल्म - करामाती घंटा (गैर फिल्म) | वर्ष - 1984

View in Roman अब चाँद छुप गया उन्हें आ जाना चाहिये
'>

कहते हैं मुझसे इश्क़ का अफ़साना चाहिये
रुस्वाई हो गई तुम्हें शर्माना चाहियेख़ुद्दार इतनी फ़ितरत-ए-रिंदाना चाहिये
साक़ी ये ख़ुद कहे तुझे पैमाना चाहियेआशिक़ बग़ैर हुस्न-ओ-जवानी फ़ुज़ूल है
जब शम्मा जल गई है तो परवाना चाहियेआँखों में दम रुका है किसी के लिये ज़ुरूर
वरना मरीज़-ए-हिज्र को मर जाना चाहियेवादा था उनके रात के आने का ऐ 'क़मर'
अब चाँद छुप गया उन्हें आ जाना चाहिये