जाने क्यूं ख्वाबों का मौसम हैं - The Indic Lyrics Database

जाने क्यूं ख्वाबों का मौसम हैं

गीतकार - जावेद अख्तर | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - मदन मोहन | फ़िल्म - वीर जारा | वर्ष - 2004

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जाने क्यूँ ख़्वाबों का मौसम है और मैं हूँ
मौसम है और मैं हूँ
जाने क्यूँ यादों की शबनम है और मैं हूँ
शबनम है और मैं हूँयादें लाईं हैं ख़ुशियाँ भी आँसू भी
जाने क्यूँ इक ऐसा संगम है और मैं हूँ
संगम है और मैं हूँ(बरसे जो रंग इतने सारे
रंगीं हुए सब नज़ारे) -२
लेकिन मेरा दिल कहीं भी
लगता नहीं बिन तुम्हारे
तुमको बस तुमको दिल ढूँढे दिल माँगे
जाने क्यूँ हर लम्हा ये सितम है और मैं हूँ
ये सितम है और मैं हूँजाने क्यूँ ख़्वाबों का ...(ये वादी अब सो गई है
कोहरे में ही खो गई है) -२
सारी फ़िज़ा साँस रोके
गुमसुम-सी अब हो गई है
सारी दुनिया में अब कोई नहीं जैसे
जाने क्यूँ बस मेरा हमदम है और मैं हूँ
हमदम है और मैं हूँजाने क्यूँ यादों की ...यादें लाई हैं ...ला ला ला ला ला ला ला ला
हूँ हूँ हूँ और मैं हूँ