रहा गर्दिशों में हरदम, मेरे इश्क का सितारा - The Indic Lyrics Database

रहा गर्दिशों में हरदम, मेरे इश्क का सितारा

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - रवि | फ़िल्म - दो बदन | वर्ष - 1966

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रहा गर्दिशों में हरदम, मेरे इश्क का सितारा
कभी डगमगाई कश्ती, कभी खो गया किनारा
कोई दिल के खेल देखे, के मोहब्बतो की बाजी
वो कदम कदम पे जीते, मैं कदम कदम पे हारा
ये हमारी बदनसीबी जो नहीं तो और क्या है
के उसीके हो गये हम, जो ना हो सका हमारा
पड़े जब ग़मों से पाले, रहे मिटके मिटनेवाले
जिसे मौत ने ना पूछा, उसे जिन्दगी ने मारा