एक दिल के टुकड़े हज़ार हुए - The Indic Lyrics Database

एक दिल के टुकड़े हज़ार हुए

गीतकार - कमर जलालाबादी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - हुस्नलाल - भगतराम | फ़िल्म - प्यार की जीत | वर्ष - 1948

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एक दिल के टुकड़े हज़ार हुए
कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा
बहते हुए आंसू रुक न सके
कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा
जीवन के सफर में हम जिनको
समझे थे हमारे साथी है
दो कदम चले फिर बिछड़ गए
कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा
आशाओं के तिनके चुन-चुन कर
सपनों का महल बनाया था
तूफ़ान से तिनके बिखर गए
कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा