आए बहार बन के लुभा कर चले गए - The Indic Lyrics Database

आए बहार बन के लुभा कर चले गए

गीतकार - हसरत | गायक - रफी | संगीत - शंकर-जयकिशन | फ़िल्म - राजहठ | वर्ष - 1956

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आए बहार बन के लुभा कर चले गए
क्या राज़ था जो दिल में छुपा कर चले गए
आए बहार बन के ...

कहने को वो हसीन थे आँखें थीं बेवफ़ा
हाय आँखें थीं बेवफ़ा
कहने को वो हसीन थे आँखें थीं बेवफ़ा
हाय
दामन मेरी नज़र से बचा कर चले गए
आए बहार बन के ...

इतना मुझे बताओ मेरे दिल की धड़कनों
हाय दिल की धड़कनों
इतना मुझे बताओ मेरे दिल की धड़कनों
हाय
वो कौन थे जो ख़्वाब दिखाकर चले गए
आए बहार बन के ...$