चुराकर दिल को यूँ - The Indic Lyrics Database

चुराकर दिल को यूँ

गीतकार - शकील | गायक - रफी | संगीत - गुलाम मोहम्मद | फ़िल्म - अंबर | वर्ष - 1952

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चुराकर दिल को यूँ आँखें चुराना किससे सीखा है
ज़रा सी बात पर यूँ रूठ जाना किससे सीखा है

चले जाना तुम दूर बड़े शौक़ से हुज़ूर
हाय मेरा दिल मुझे वापस कर दो
हो मेरा दिल मुझे वापस कर दो

मेरे दिल को चुराकर आओगे तो जा नहीं पाओगे
चोरी-चोरी गए भी तो फिर यहीं आओगे
दिल देके जुदाई मुझे नहीं मंज़ूर
हाय मेरा दिल मुझे ...

हो ज़रा ये कह दो तिरछी नज़र से कि हमको ये सताए ना
मैं हूँ कोई ग़ैर तो यह छेड़ मुझे भाए ना
मैने प्रीत लगाई हुआ मुझसे क़सूर
हाय मेरा दिल मुझे ...$