दुनिया में गरीबोन को आराम नहीं मिलता - The Indic Lyrics Database

दुनिया में गरीबोन को आराम नहीं मिलता

गीतकार - कमर जलालाबादी, बेहज़ाद लखनऊ | गायक - शमशाद बेगम | संगीत - गुलाम हैदर | फ़िल्म - जमींदार | वर्ष - 1942

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दुनिया में ग़रीबों को आराम नहीं मिलता
रोते हैं तो हँसने का पैग़ाम नहीं मिलताग़ुरबत की कहानी है आँखों की ज़ुबानी है
आग़ाज़ को रोते हैं अंजाम नहीं मिलतासौ जाम ग़रीबी के क़िसमत ने पिलाये हैं
जिस जाम में राहत है वो जाम नहीं मिलताजो कोई भी आता है ठोकर ही लगाता है
मर के भी ग़रीबों को आराम नहीं मिलता