चोरी चोरी आग सी दिल में लगा कर चल डाई - The Indic Lyrics Database

चोरी चोरी आग सी दिल में लगा कर चल डाई

गीतकार - श्यामलाल शम्स | गायक - सुलोचना कदम | संगीत - श्यामसुंदर | फ़िल्म - ढोलक | वर्ष - 1951

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चोरी चोरी आग सी दिल में लगा कर चल दिए
हम तड़पते रह गए वो मुस्कुरा कर चल दिए
चोरी चोरी
चोरी चोरी आग सी ...दिल की हसरत आँसुओं में टुकड़े हो कर बह गई
मेरी उम्मीदों पे बिजली जब गिरा कर चल दिए
हम तड़पते रह गए वो मुस्कुरा कर चल दिए
चोरी चोरी
चोरी चोरी आग सी ...आँसुओं ने दास्तान-ए-ग़म सुनानी थी अभी
दास्तान-ए-ग़म सुनानी, हाँ, सुनानी थी अभी
दिल की दिल में थी लगी ?, अरमाँ मिटा कर चल दिए
हम तड़पते रह गए वो मुस्कुरा कर चल दिए
चोरी चोरी
चोरी चोरी आग सी ...क्या अनोखी चोट दी है
क्या अनोखी चोट दी है बेवफ़ा बेदर्द ने, बेवफ़ा बेदर्द ने
दिल में रह कर देखिये वो दिल चुरा कर चल दिए
हम तड़पते रह गए वो मुस्कुरा कर चल दिए
चोरी चोरीचोरी चोरी आग सी दिल में लगा कर चल दिए
हम तड़पते रह गए वो मुस्कुरा कर चल दिए
चोरी चोरी