साथी मेरे तेरे बिना जिना ना जिना हाए राम जी - The Indic Lyrics Database

साथी मेरे तेरे बिना जिना ना जिना हाए राम जी

गीतकार - समीर | गायक - कुमार शानू, अलका याज्ञनिक | संगीत - दिलीप सेन-समीर सेन | फ़िल्म - | वर्ष - 1997

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आ आ
साथी मेरे तेरे बिना तेरे बिना तेरे बिना
जीना ना जीना हाए राम जी
साथी मेरे तेरे बिना ...चाहत के सहरा में बूंद गिरे प्यास मुझे आज लगे सावन झड़ी हो हो
ये प्रेम कहानी तो मैने लिखी तूने लिखी जान-ए-वफ़ा दिल में वही
ये जग तो सताए और हमको रुलाए
रोऊं और मेरी आँखों में हँसे पानी
ज़िंदगी के चार दिना जान मेरी चार दिना चार दिना
जीना ना जीना हाए राम जी ...चुप चुप जाना नखरे ना करना
राजे की बेटी आई है मिलने की रुत आई है
ओढ़ चुनर बैठी दुल्हन सेज बनी धरती साजन
हो अम्बर की बाहों में कैसे मिले खुद के गले
एक हुए हम दो बदन
सपने सजाए दुनिया भुलाए
इन बाहों में गुज़र जाएगी ज़िंदगानी
सौ साल से भी बड़ी प्यार की है जीत बड़ी
यारा हाँ जी हाँ हाए राम जी ...