वह जो औरों की - The Indic Lyrics Database

वह जो औरों की

गीतकार - | गायक - | संगीत - | फ़िल्म - | वर्ष - 1977

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वो जो औरों की खातिर जिए मर मिटे
सोचती हूँ उन्हें क्या मिला क्या मिला
वो जो औरों की खातिर जिए मर मिटे
सोचती हूँ उन्हें क्या मिला क्या मिला
क्या मिला क्या मिला

जैसे बादल बरसता हुआ
प्यास जग की बुझाता रहा
जैसे बादल बरसता हुआ
प्यास जग की बुझाता रहा
ठेस तन्न मनन के लिए
अपनी खुश्बू लूटता रहा
तुम भी अपना जीवन लुटती रही
पर प्यात तुम्हें किस का मिला
वो जो औरों की खातिर जिए मर मिटे
सोचती हूँ उन्हें क्या मिला क्या मिला

ख्वाब देखे हमारे लिए
एक पल भी अगर सो गयी
ख्वाब देखे हमारे लिए
एक पल भी अगर सो गयी
तुम हवा का एक परिवार की
 

सब की फ़िक्रों में तुम खो गयी
तुम हवा का एक परिवार की
सब की फ़िक्रों में तुम खो गयी
तुम न बियाही न हाथों में मेहंदी रची
और न माथे को टिका मिला
वो जो औरों की खातिर जिए मर मिटे
सोचती हूँ उन्हें क्या मिला क्या मिला

एक औरत हो मेरी तरह
फिर भी लगती हो देवी मुझे
एक औरत हो मेरी तरह
फिर भी लगती हो देवी मुझे
अपना सबकुछ मिटाया मगर
इक नयी ज़िन्दगी दी मुझे
अपना सबकुछ मिटाया मगर
इक नयी ज़िन्दगी दी मुझे
हर अँधेरे में जलती
पिघलती रही दिल तुम्हें डीप जैसा मिला
वो जो औरों की खातिर जिए मर मिटे
सोचती हूँ उन्हें क्या मिला क्या मिला
क्या मिला क्या मिला.