गीतकार - हसन कमाली | गायक - आशा भोंसले | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - आशा और खय्याम (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1997
View in Romanआँचल में फूल चाँद सितारे सजा लिये
नैनों में मैंने आस के दीपक जला लियेसुनते ही उनका नाम मेरा दिल धड़क उठा
कजरा लहक उठा मेरा गजरा महक उठा
दुनिया ने दिल के भेद निगाहों से पा लियेकरते हैं सब ही प्यार मगर इस कदर नहीं
हम उनके कब हुये ये हमें ख़ुद ख़बर नहीं
आँखों ने नींद छोड़ के सपने सजा लियेजळी से इंतज़ार का मौसम तमाम हो
जी चाहता है आज ये जळी से शाम हो
इस बेक़रार दिल को कहाँ तक सम्भालियेआँगन में मेरे प्यार की बारात आयेगी
था जिसका इंतज़ार वही रात आयेगी
ख़ाबों में ताजमहल वफ़ा के बना लिये