चली दुल्हनिया छमाछम छमाछम चली - The Indic Lyrics Database

चली दुल्हनिया छमाछम छमाछम चली

गीतकार - पंडित माधुरी | गायक - अनिमा दासगुप्ता | संगीत - कमल दासगुप्ता | फ़िल्म - जवाबी | वर्ष - 1942

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छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें

र : छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें

जान गये हम जान गये

लाख अदायें देखने वाले

ये भी अदा पहचान गये

हम हैं तुम्हारे चाहने वाले

हमको न तुम बरबाद करो

दिल ने किया था दिल से जो वादा

याद करो हाँ याद करो

हाय ज़रा सी बात का बोलो

आज बुरा क्यूँ मान गये

आँख में शोख़ी दिल में मुहब्बत



दिल है कहीं नज़रें हैं कहीं

ऐसे चले हो भेद छुपाकर

जैसे हमें मालूम नहीं

तुमको क़सम है अब ना सताओ

आज तुम्हें हम मान गये

छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें

जान गये हम जान गये

श : हो ना कहीं

बदनाम मोहब्बत

देखोदेखो

ज़ुबाँ से

कुछ ना कहो

प्यार का नग़मा हमको सुना के

लूटने वाले तुम ही कहो

तुमने हमें पहचान लिया तो

हम भी तुम्हें पहचान गये

दो : छीन के दिल क्यूँ फेर लीं आँखें

जान गये हम जान गये