आने से उस के आए बहार - The Indic Lyrics Database

आने से उस के आए बहार

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - जीने की राह | वर्ष - 1969

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आने से उसके आए बहार
जाने से उसके जाए बहार
बड़ी मस्तानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
गुनगुनाए ऐसे जैसे बजते हो घुंगरु कहीं पे
आके परबतों से जैसे गिरता हो झरना जमीं पे
झरनों की मौज है वो, मौजों की रवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
बन सँवर के निकले, आए सावन का जब-जब महीना
हर कोई ये समझे, होगी वो कोई चंचल हसीना
पूछो तो कौन है वो, रुत ये सुहानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
इस घटा को मैं तो उसकी आँखों का काजल कहूँगा
इस हवा को मैं तो उसका लहराता आँचल कहूँगा
कलियों का बचपन है, फूलों की जवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
बीत जाते हैं दिन, कट जाती हैं आँखों में रातें
हम ना जाने क्या क्या, करते रहते हैं आपस में बातें
मैं थोडा दीवाना, थोडीसी दीवानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा
सामने मैं सबके नाम उसका नहीं ले सकूँगा
वो शरम के मारे रुठ जाए तो मैं क्या करूँगा
हुरोंकी मलिका है, परियों की रानी है, मेरी मेहबूबा
मेरी ज़िन्दगानी है, मेरी मेहबूबा