ओ बिछड़े हुए साथी जियुं कैसे बटा दे - The Indic Lyrics Database

ओ बिछड़े हुए साथी जियुं कैसे बटा दे

गीतकार - खुमार बाराबंकवी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, लता मंगेशकर | संगीत - मोहम्मद शफ़ी नियाज़ी | फ़िल्म - हलचल | वर्ष - 1951

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ल : ओ बिछड़े हुए साथी जियूँ कैसे बता दे
उजड़ी हुई दुनिया को मेरी आ के बसा दे -२
र : ओ बिछड़े हुए साथी न रो-रो के सदा दे
फ़रियाद तेरी और मेरा ग़म न बढ़ा देल : ग़म तेरी जुदाई के उठाए नहीं जाते -२
दुश्वार है जीना मुझे ( मरने की दुआ दे ) -२
ओ बिछड़े हुए साथी ...र : हँस-हँस के मेरी याद में दिन काट दे ग़म के -२
मुमकिन है कि तक़दीर कभी ( हमको मिला दे ) -२
ओ बिछड़े हुए साथी ...