आंखों को इंतजार का दे के हुनर ​​चला गया - The Indic Lyrics Database

आंखों को इंतजार का दे के हुनर ​​चला गया

गीतकार - हसन कमाली | गायक - आशा भोंसले | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - आशा और खय्याम (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1997

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आँखों को इंतज़ार का दे के हुनर चला गया
चाहा था एक शख्स को जाने किधर चला गयादिन की वो महफ़िलें गईं रातों के रतजगे गये
कोई समेट कर मेरे शाम-ओ-सहर चला गयाझोंका है एक बहार का रंग-ए-ख़याल-ए-यार भी
हर-सू बिखर बिखर गई ख़ुश्बू जिधर चला गयाउसके ही दम से दिल में आज धूप भी चाँदनी भी है
दे के वो अपनी याद के शम्स-ओ-क़मर चला गयाकू-ब-कूचा दर-ब-दर कबसे भटक रहा है दिल
हमको भुला के राह वो अपनी डगर चला गया