जब गम ए इश्क सताता है तो हंस लता हुं - The Indic Lyrics Database

जब गम ए इश्क सताता है तो हंस लता हुं

गीतकार - न्याय शर्मा | गायक - मुकेश | संगीत - जयदेव | फ़िल्म - किनारे किनारे | वर्ष - 1963

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जब ग़म-ए-इश्क़ सताता है तो हँस लेता हूँ
हादसा याद जब आता है तो हँस लेता हूँ
जब ग़म-ए-इश्क़ ...मेरी उजड़ी हुई दुनिया में तमन्ना का चिराग़
जब कोई आ के जलाता है तो हँस लेता हूँ
जब ग़म-ए-इश्क़ ...कोई दावा नहीं फ़रियाद नहीं रंग नहीं
रहम जब अपने पे आता है तो हँस लेता हूँ
जब ग़म-ए-इश्क़ ...