आँचल में सजा लेना कलियाँ - The Indic Lyrics Database

आँचल में सजा लेना कलियाँ

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - मोहम्मद रफ़ी | संगीत - ओ. पी. नय्यर | फ़िल्म - फिर वही दिल लाया हूं | वर्ष - 1963

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आँचल में सजा लेना कलियाँ
ज़ुल्फ़ों में सितारे भर लेना
ऐसे ही कभी जब शाम ढले
तब याद हमें भी कर लेना
आया था यहाँ बेगाना सा
चल दूँगा कहीं दीवाना सा
दीवाने की खातिर तुम कोई
इल्ज़ाम न अपने सर लेना
रस्ता जो मिले अन्जान कोई
आ जाए अगर तूफ़ान कोई
अपने को अकेला जान के तुम
आँखों में न आंसू भर लेना