आंसूओं की छांव में भी हंस ले ओ दिल्वाले - The Indic Lyrics Database

आंसूओं की छांव में भी हंस ले ओ दिल्वाले

गीतकार - अख्तर युसूफ | गायक - लता | संगीत - शैलेश | फ़िल्म - परिचय | वर्ष - 1954

View in Roman

आंसूओं की छांव में भी हंस ले ओ दिल्वाले
क़िस्मत के उलझे हुए जाल को सुलझा ले )-2

चुप भी ग़म की गोद में पलता है-2
डूब भी सुरज फिर निकलता है
मौसम बदलता है
बन जायेगी बिगडी हुई बात भी मतवाले

आंसूओं की छांव में भी हंस ले ओ दिल्वाले
क़िस्मत के उलझे हुए जाल को सुलझा ले

गीत खामोशी का सुहाना है-2
हर धडकन एक शोख़ तराना है
मासूम फ़साना है
सुन ले ज़रा दिल की सदा अरे ओ भोले भाले

(आंसूओं की छांव में भी हंस ले ओ दिल्वाले
क़िस्मत के उलझे हुए जाल को सुलझा ले )-2$