प्यार वफा है चाहतों की दुनिया - The Indic Lyrics Database

प्यार वफा है चाहतों की दुनिया

गीतकार - जलिस रशीद | गायक - सहगान, साबरी ब्रदर्स, इकबाल-अफजल | संगीत - साजिद वाजिद | फ़िल्म - क्या यही प्यार है | वर्ष - 2002

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प्यार वफ़ा है प्यार सदा है प्यार दुआ है प्यार ख़ुदा है
प्यार यही है देख दीवाने प्यार यहां किसे ऐसा मिला हैचाहतों की दुनिया में देख ऐसा होता है
एक पल जो हँसता है बार बार रोता है
काँटे बिछे हैं राहों में और मंज़िल नहीं कोई
तन्हाईयों में प्यार की शामिल नहीं कोई
जुगनूं की रोशनी भी कहीं आती नज़र नहीं
तूफ़ान ही तूफ़ान है साहिल नहीं कोई
कितना अँधेरा राहों में यारा
इसका बने अब कौन सहारा
अब न कोई सूरज है ना कोई सवेरा है
चाँदनी भी रूठी है दूर तक अंधेरा है
ग़म के सिवा जहाँ में बता इंसां को क्या मिला
तूने बनाई क्यूँ यहाँ चाहत मेरे ख़ुदा
आ पानी के बुलबुलों की तरह टूटी हैं हसरतें
आती नहीं कहीं से भी उसकी कोई सदा
कैसी है चाहत कैसी मोहब्बत
कैसी है उलझन कैसी है हसरत
हसरतों की पलकों पे चाहतों का मेला है
दर्द तो हज़ारों हैं आदमी अकेला है
प्यार वफ़ा है ...ये दीवाना दीवाना
सूली पे भी चढ़ना पड़ता है
सर को भी कटाना पड़ता है
कुछ भी हो मोहब्बत में लेकिन
ये कर्ज़ चुकाना पड़ता है
इस राज़-ए-मोहब्बत को लेकिन
कोई भी नहीं समझा अब तक
खुद अपने ही हाथों से अपनी
हस्ती को मिटाना पड़ता है
ये दीवाना दीवाना