तुम मुहब्बत को छुपाती क्यूं हो -- कविता कृष्णमूर्ति - The Indic Lyrics Database

तुम मुहब्बत को छुपाती क्यूं हो -- कविता कृष्णमूर्ति

गीतकार - कैफ़ी आज़मी | गायक - कविता कृष्णमूर्ति | संगीत - खैय्याम | फ़िल्म - गैर-फिल्मी | वर्ष - 2001

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तुम मुहब्बत को छुपाती क्यूं होदिल भी है, दिल में तमन्ना भी है
कुछ जवानी का तक़ाज़ा भी है
तुम को अपने पे भरोसा भी है
झेंप कर आँख मिलाती क्यूं हो
तुम मुहब्बत को ...ज़ुल्म तुम ने कोई ढाया तो नहीं
इब्न-ए-अदम को सताया तो नहीं
ख़ूँ ग़रीबों का बहाया तो नहीं
यूँ पसीने में नहाती क्यूँ हो
तुम मुहब्बत को ...परदा है दाग़ छुपने के लिये
शर्म है झूठ पे छाने के लिये
इश्क़ इक गीत है गाने के लिये
इस को होँठों में दबाती क्यूँ हो
तुम मुहब्बत को ...