कहीं का दीपक कहीं की बाती देख चांद की या - The Indic Lyrics Database

कहीं का दीपक कहीं की बाती देख चांद की या

गीतकार - | गायक - शमशाद बेगम, शैलेष | संगीत - राम गांगुली | फ़िल्म - आग | वर्ष - 1948

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कहीं का दीपक, कहीं की बाती -२
आज बने हैं जीवनसाथी
देख हँसा है चाँद, मुसाफ़िर
देख चाँद की ओर ...देख घटा घनघोर -२
मुसाफ़िर, (देख घटा घनघोर) -२
चाँद के मुख पर घुँघट डाले, (खेल रही जो खेल ) -२
छिपा लिया आँचल में मुखड़ा, (देख घटा का खेल) -२
खेल खेल में देख मुसाफ़िर, बंधी प्रीत की डोर
देख चाँद की ओर ...देख लहर की ओर -२
मुसाफ़िर, (देख लहर की ओर) -२
तड़प उठी जो देख चाँद को, (छिपा न पायी प्रीत) -२
मिलन हुआ चंदा लहरों का, (गूंज उठा संगीत) -२
झूम उठे हैं देख मुसाफ़िर, चंदा और चकोर
देख चाँद की ओर ...