क्या खोया क्या पाया जग में - The Indic Lyrics Database

क्या खोया क्या पाया जग में

गीतकार - अटल बिहारी वाजपेयी | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - | वर्ष - 2000

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क्या खोया क्या पाया जग मेंमिलते और बिछड़ते मग मेंमुझे किसी से नहीं शिक़ायतयद्यपि छला गया पग पग मेंएक दृष्टि बीती पर डालेंयादों की पोटली टटोलेंअपने ही मन से कुछ बोलेंप्रथ्वी लाखों वर्ष पुरानीजीवन एक अनन्त कहानीपर तन की अपनी सीमाएँयद्यपि सौ शरदों की वाणीइतना काफ़ी है अंतिम दस्तकपर ख़ुद दरवाज़ा खोलेंअपने ही मन से कुछ बोलेंजन्म मरण का अविरत फेराजीवन बंजारों का डेराआज यहां कल कहाँ कूच हैकौन जानता किधर सवेराअँधियारा आकाश असीमितप्राणों के पंखों को तौलेंअपने ही मन से कुछ बोलें