सुनि सुनी अंखियों में जुगनुउन चमक उथे - The Indic Lyrics Database

सुनि सुनी अंखियों में जुगनुउन चमक उथे

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - सहगान, अनुराधा पौडवाल, सुरेश वाडकर | संगीत - आनंद, मिलिंद | फ़िल्म - लाल दुपट्टा मलमल का | वर्ष - 1980s

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सूनी सूनी अँखियों में जुगनूं चमक उठे जब से मिला है तेरा प्यार
तुमने तो जैसे मेरा रंग ही बदल दिया कहां थे अभी तक यार
सूनी सूनी अँखियों ...कल भी यही जहां था लेकिन था फीका फीका
गुलों ने खिलना शमा ने जलना तेरी नज़र से सीखा
आज ज़रा देखो मेरी दुनिया का रूप सिंगार
सूनी सूनी अँखियों ...मैं भी बुझी बुझी थी चाहत की आरज़ू में
चहक उठी हूँ मेरे मिलन के गुलाब की खुश्बू में
मेरा हँसना मेरा गाना सब तेरा उपकार
सूनी सूनी अँखियों ...