प्रेम जाल में फंस गई मैं तो - The Indic Lyrics Database

प्रेम जाल में फंस गई मैं तो

गीतकार - देव कोहली, प्रवीण भारद्वाज | गायक - सहगान, अनुराधा श्रीराम, सुखविंदर सिंह | संगीत - आनंद राज आनंद | फ़िल्म - जिस देश में गंगा रहता है | वर्ष - 2000

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प्रेम जाल में फंस गई मैं तो
प्रेम ताल पे नच पई मैं तो
प्रेम नगर में हो गई मेरी शामप्रेम ताल का दे के ठेका
प्रेम जाल प्रेमी ने फेंका
आगे जो भली करें राम
हइया हइयाअरे प्रेम जाल में फंस गई तू तो
प्रेम ताल पे नच पई तू तो
प्रेम नगर में हो गई तेरी शाम
हे हे हे हेप्रेम ताल का ले के ठेका
प्रेम जाल मैने ही फेंका
भली करेंगे तेरी राम
हइया हइयातेरी तीखी है रे नज़रिआ
मैं हो गई रे बांवरिआ
वाह
तू थाम ले मुझ को आ कर
बन जा मेरा सांवरिआअरे क्या समझा है तू ने मुझ को
कर ना दिया पागल जो तुझ को
बदल दियो रानी तू मेरा नाम
अरे प्रेम ताल का ले के ठेका ...तेरे नैना हुए शराबी
मेरी बढ़ गई है बेताबी
तेरे रूप की गागर छलकी
मेरी हो गई शाम गुलाबीमैं दीवानी हो गई अब तो
थाम ले मुझ को छोड़ दे सब को
बस इतना सा कर दे मेरा काम
हे हे हे हे
अरे प्रेम ताल का ले के ठेका ...