दिन है ना ये रात थोड़े से हैं अंधेरे में - The Indic Lyrics Database

दिन है ना ये रात थोड़े से हैं अंधेरे में

गीतकार - संदीप नाथ | गायक - उषा उत्थुप, परवेज कादिरी | संगीत - बापी-तुतुल | फ़िल्म - भूत | वर्ष - 2003

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उ : दिन है ना ये रात
प : थोड़े से हैं अन्धेरे में थोड़े उजाले में
उ : दहशत में रहता है हर वक़्त दिल
प : थोड़े से हैं अन्धेरे में थोड़े उजाले में
उ : दिन है ना ये रातउ : यूँ खड़े चौराहे पे मुँह चुरा रहे साये से
गूँजती रहती अवाज़ें चेतना बहरी बना के
दहशत में रहता है हर वक़्त दिल
प : थोड़े से हैं अन्धेरे में थोड़े उजाले में
उ : दिन है ना ये रात -२
दहशत में रहता है हर वक़्त दिलउ : घेरती परछाँ_इयों ने रूह की गहराइयों में
ख़ौफ़ कुछ ऐसा दिखाया ज़लज़ला जैसे हो आया
दहशत में रहता है हर वक़्त दिल
प : थोड़े से हैं अन्धेरे में थोड़े उजाले में
उ : दिन है ना ये रात
प : थोड़े से हैं अन्धेरे में थोड़े उजाले में
को : ला ला ला रू रा री
प : थोड़े से हैं अन्धेरे में थोड़े उजाले में
उ : दिन है ना ये रात
को : ऊ ऊ ऊ ऊ