अस्सलाम दिलादार टू में रब को मानुं जानुं - The Indic Lyrics Database

अस्सलाम दिलादार टू में रब को मानुं जानुं

गीतकार - अंजान, हसन कमाल | गायक - | संगीत - कल्याणजी, आनंदजी | फ़िल्म - सल्तनत | वर्ष - 1986

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अस्सलाम दिलदार को सलाम
यारा दिलबर दिलदारा कितना है प्यारा -२
तू जो मिल जाए दिल जो खिल जाए -२
तो मैं रब को मानूं जानूं तब ( रब की ख़ुदाई जानूं ) -२
हो यारा दिलबर दिलदारा ...ये शोख जवानी ये चेहरा नूरानी
गुलबदन ये तन तो मिल जाएगा
पर जो मैं दिल दूंगी और जो प्यार करूंगी
वो कभी कहीं ना मिल पाएगा
मेरा तू हो जाए मुझमें खो जाए -२
तो मैं रब को मानूं जानूं ...है तेरा मेरा कोई तो रिश्ता -२
मेरा दिल है क्यूं तेरा सौदाई
हैं लाखों दीवाने मेरे पीछे -२
फिर भी मैं तेरे पीछे क्यों आई
बने तू दीवाना मेरा हो दीवाना -२
तो मैं रब को मानूं जानूं ...जो दिल पर छाए पागल कर जाए
ये नशा है क्या तू क्या जाने
किसी यार का होके कभी प्यार में खोके
ये मज़े तो ले तू भी दीवाने
तेरी ये ना ना ना अगर हो जाए हाँ हाँ हाँ
तो मैं रब को मानूं जानूं ...