खोई खोई आंखें हैं गोरी गोरी रंगत हैं - The Indic Lyrics Database

खोई खोई आंखें हैं गोरी गोरी रंगत हैं

गीतकार - शान अज़ीमाबादी | गायक - शान | संगीत - ए आर रहमान | फ़िल्म - तहजीब | वर्ष - 2003

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( ना ना चिक नारी नारी
ना ना चिक नारी नारी
ना ना चिक नारी नारी
हो हो हो ओ ) -२खोयी-खोयी आँखें हैं
( खोई-खोई आँखें हैं गोरी-गोरी रंगत है
लम्बे-लम्बे गेसू हैं भोली-भोली सूरत है ) -२हे ए ए ए ए( आड़ी-आड़ी चितवन है तेढ़े-टेढ़े अबरू हैं
नीची-नीची नज़रें हैं कुछ-कुछ दिल में उल्फ़त है ) -२यूँ रह-रह कर घबराता है
यूँ रह-रह कर घबराता है दिल शाम से उमड़ता जाता है
अरे ताज़ा-ताज़ा
अरे ताज़ा-ताज़ा इश्क़ हुआ और दिल में तेरे वहशत है( खोई-खोई आँखें हैं गोरी-गोरी रंगत है
लम्बे-लम्बे गेसू हैं भोली-भोली सूरत है ) -२ए ए ए ए ए
ए हे ए ए एख़ूबी कुछ हुस्न की कहिये
ख़ूबी कुछ हुस्न की कहिये है आग छुपाना वरना
झूठे-झूठे वादों में कुछ ऐसी-वैसी ज़िल्लत हैभर-भर आयें न भला दिल
भर-भर आयें न भला दिल कैसे हाय इन शेरों पर
सच्ची-सच्ची बातें हैं या पूरी-पूरी हालत हैना ना चिक नारी नारी -३
हो हो हो ओखोई-खोई आँखें हैं गोरी-गोरी रंगत है
लम्बे-लम्बे गेसू हैं भोली-भोली सूरत हैहे ए ए
हे ए ए
हे ए ए
ना ना चिक नारी नारी -८