मान मौसम का कहा - The Indic Lyrics Database

मान मौसम का कहा

गीतकार - बशीर बद्री | गायक - जगजीत सिंह | संगीत - जगजीत सिंह | फ़िल्म - यूनिक | वर्ष - 1996

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मान मौसम का कहा, छाई घटा, जाम उठा
आग से आग बुझा, फूल खिला, जाम उठा
ऐ मेरे यार तुझे उसकी कसम देता हूँ
भूल जा शिकवा गिला हाथ मिला, जाम उठा
एक पल भी कभी हो जाता है सदियों जैसा
देर क्या करना यहाँ हाथ बढ़ा, जाम उठा
प्यार ही प्यार है सब लोग बराबर हैं यहाँ
मयकदे में कोई छोटा न बड़ा, जाम उठा