गोरे गोरे गाल मेरे परदा उठा दे जरा - The Indic Lyrics Database

गोरे गोरे गाल मेरे परदा उठा दे जरा

गीतकार - समीर | गायक - सहगान, अलका याज्ञनिक | संगीत - संजीव दर्शन | फ़िल्म - आशिक | वर्ष - 2001

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ला ला ला लई ल लई ल लई
लई लई लैला
ल ल ल ल ऐ
हो हो हो होगोरे गोरे गाल मेरे बहकी बहकी चाल है
देख मेरी पतली सी कमरिया हर आशिक़ बेहाल है
परदा उठा ज़रा परदा उठा
महफ़िल में आए सबको मज़ा
परदा उठा दे ज़रा परदा उठा
जलवा दिखा दे ज़रा जलवा दिखा
गोरे गोरे गाल ...मेरी रेशम वाली चुनर मेरा बूटे वाला लहंगा
कोई मोल चुका नहीं सकता मेरा हुस्न बड़ा है महंगा
सर से चुनर सरका दे लहंगा इक बात घुमा दे
जो मांगेगी हम देंगे आँखों से जाम पिला दे
कानों की ये बाली दूंगी होंठों की ये लाली दूंगी
गालों की जवानी दूंगी कोई तो निशानी दूंगी
परदा उठा ज़रा ...बहके हुए अरमानों को महबूब स.म्भल जाने दे
जलवा तुझे दिखलाऊंगी कुछ रात तो ढल जाने दे
तड़पा ना हमको ऐसे बाहों में ज़रा भरने दे
देंगे तुझ को नज़राना जो दिल चाहे करने दे
थोड़ा तड़पाऊंगी मैं थोड़ा तरसाऊंगी मैं
सेज बिछाऊंगी मैं प्यास बुझाऊंगी मैं
परदा उठा ज़रा ...