फ़िर वाही चाँद वाही हम वाही तन्हाई हैं - The Indic Lyrics Database

फ़िर वाही चाँद वाही हम वाही तन्हाई हैं

गीतकार - राजिंदर कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर, सी रामचंद्र | संगीत - सी रामचंद्र | फ़िल्म - बारिश | वर्ष - 1957

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ल : फिर वही चाँद वही हम वही तन्हाई है -२
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है
फिर वही चाँद वही हम वही तन्हाई है
दो : आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है
फिर वही चाँदचि : दूर दुनिया से खैइं भीगी हुई रातों में -२
ल : दो मोहब्बत भरे दिल गुम हैं हसीँ बातों में -२
दिल में जो बात है आँखों में चली आई हैदो : आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है
फिर वही चाँदचि : ये समुंदर का किनारा, है ये ख़ामोशी का समा
ल : ये समुंदर का किनारा, है ये ख़ामोशी का समा
चि : ये इक ख़ाब मोहब्बत का
ल : इक ख़ाब मोहब्बत का है इस वक़्त जवाँ
न कोई डर है ज़माने का न रुसवाई हैदो : आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है
फिर वही चाँद वही हम वही तन्हाई है
आज फिर दिल ने मोहब्बत की क़सम खाई है
फिर वही चाँद