नायक ए नाज़ से मुश्किल है बचाना दिल का - The Indic Lyrics Database

नायक ए नाज़ से मुश्किल है बचाना दिल का

गीतकार - अमीर मिनाई | गायक - गुलाम अली | संगीत - गुलाम अली | फ़िल्म - परछाईयां (गैर-फिल्म) | वर्ष - 1992

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नावक-ए-नाज़ से मुश्किल है बचाना दिल का
दर्द उठ उठ के बताता है ठिकाना दिल काहाय वो पहली मुलाकात में मेरा रुकना
और उसका वो लगावत से बढ़ाना दिल काजी लगे आपका ऐसा के कभी जी न भरे
दिल लगा कर जो सुनें आप फ़साना दिल कातीर पर तीर लगा कर वो कहा करते हैं
क्यूँ जी तुम खेल समझते थे लगाना दिल का