रब्बा मैं तो मर गया ओय - The Indic Lyrics Database

रब्बा मैं तो मर गया ओय

गीतकार - इरशाद कामिलो | गायक - राहत फ़तेह अली खान | संगीत - प्रीतम | फ़िल्म - मौसम | वर्ष - Nil

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कोई दिल बेक़ाबू कर गया
और इश्क़ा दिल में भर गया
आँखों आँखों में वो लाखों गल्लां कर गया ओय
ओ रब्बा मैं तो मर गया ओय
शैदाई मुझे कर गया कर गया ओय
अब दिल चाहे ख़ामोशी के होठों पे मैं लिख दूँ प्यारी सी बातें कई
कुछ पल मेरे नाम करें वो मैं भी उसके नाम पे लिखूँ मुलाकातें कई
पहली ही तकनी में बन गई जान पे
नैना वैना उसके मेरे दिल पे छपे
अब जाऊँ कहाँ पे
दिल रुका है वहाँ पे
जहाँ देख के मुझे वो आगे बढ़ा गया ओय
मौसम के आज़ाद परिंदे हाथों में है उसके या वो बहारों सी है
सर्दी की वो धुप के जैसी गर्मी की शाम है पहली फुहारों सी है
मेरे प्यार का मौसम भी है
लगे मेरी मेहरम भी है
जाने क्या क्या दो आँखों में मैं पढ़ गया ओय