ग़म छोड़ के मनाओ रंगरेली - The Indic Lyrics Database

ग़म छोड़ के मनाओ रंगरेली

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - लता मंगेशकर | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - गुमनाम | वर्ष - 1965

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इस दुनिया में जीना हो तो सुन लो मेरी बात
ग़म छोड़ के मनाओ रंगरेली
और मान लो जो कहे किटी केली
जीना उसका जीना है जो हँसते गाते जी ले
ज़ुल्फ़ों की घनघोर घटा में नैन के सागर पी ले
जो करना है आज ही कर लो, कल को किसने देखा
आई है रंगीन बहारें लेके दिन रंगीले
मैं अलबेली चिंगारी हूँ नाचूँ और लहराऊँ
दामन दामन फूल खिलाऊँ और ख़ुशियाँ बरसाऊँ
दुनियावालों तुम क्या जानो जीने की ये बातें
आओ मेरी महफ़िल में तो ये बातें समझाऊँ
जो भी होगा हम देखेंगे ग़म से क्यों घबराएँ
इस दुनिया के बाग़ में लाखों पंछी आए जाए
ऐश के बन्दों ऐश करो तुम छोड़ो ये ख़ामोशी
लोग वही तो ज़िंदादिल हैं कर बैठे जो चाहे