ड्रिम गर्ल, किसी शायर की गज़ल - The Indic Lyrics Database

ड्रिम गर्ल, किसी शायर की गज़ल

गीतकार - आनंद बख्शी | गायक - किशोर कुमार | संगीत - लक्ष्मीकांत प्यारेलाल | फ़िल्म - सपनों की राजकुमारी | वर्ष - 1977

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होठों पे रंगत है, दिल में मोहब्बत है
क्या जिस्म-ए-औरत है, बस जन्नत ही जन्नत है
ड्रीम गर्ल, ड्रीम गर्ल
किसी शायर की गज़ल, ड्रीम गर्ल
किसी झील का कँवल, ड्रीम गर्ल
कहीं तो मिलेगी, कभी तो मिलेगी
आज नहीं तो कल
लिपटी गुलाबों में, सिमटी हिजाबों में
ख़्वाबों में आती है भीगी शराबो में
पास रहती है वो पल दो पल..........कौन? ड्रीम गर्ल
जब देखती है वो, मैं ढूंढ लूँगा तो
शबनम, घटा, चांदनी बन जाती है दोस्तो
रंग-रूप लेती है वो बदल........कौन? ड्रीम गर्ल
ग़म से बिखर जाऊँ, जी से गुजर जाऊँ
क्या तेरी मर्ज़ी है, बिन देखे मर जाऊँ
कभी परदे से बाहर निकल............ए ड्रीम गर्ल