वो हम से चुप हैं हम उन से चुप हैं - The Indic Lyrics Database

वो हम से चुप हैं हम उन से चुप हैं

गीतकार - डी एन मधोक | गायक - लता | संगीत - बुलो सी रानी | फ़िल्म - रसिया | वर्ष - 1950

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वो हम से चुप हैं हम उन से चुप हैं
दिलों के अरमाँ मचल रहे हैं
अजीब ज़िद्द्‌्‌ है, कि ज़िद्द्‌्‌ ही ज़िद्द्‌्‌ में
ये दिन जवानी के ढल रहे हैं
हमारे दिल में है वो बुलायें
वो सोचते हैं कि हम बुलायें
शम-ए-मुहब्बत सुलग रही है, दिलों के परवाने जल रहे हैं -2
दिलों के परवाने जल रहे हैं ...
बे-सब्र से सब्र हो रहा है, बेचैन सा चैन हो रहा है
ज़बाँ पे ताले पड़े हुए हैं, कलेजा हाथों से मल रहे हैं -2
कलेजा हाथों से मल रहे हैं
वो हम से चुप हैं ...$