दिल में समा गये सजन - The Indic Lyrics Database

दिल में समा गये सजन

गीतकार - राजेन्द्र कृष्ण | गायक - लता मंगेशकर - तलत मेहमूद | संगीत - सज्जाद | फ़िल्म - संगदिल | वर्ष - 1952

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आज प्रीत ने तोड़ दी बंधन की दीवार
हार मान के प्रीत से चला गया संसार
दिल में समा गये सजन, फूल खिले चमन चमन
प्यार भी मुस्कुरा दिया
मस्तीभरी हवा चली, हँसने लगी कली कली
तुम से मुझे मिला दिया
ऐसा बदल गया समा, बदले ज़मीन-ओ-आसमान
छोड़ के जग बना लिया, प्यार में एक नया जहाँ
आई घटायें झूम के, नील गगन को चूम के
ग़म का निशान मिटा दिया
पहले कोई खुशी ना थी, दिल की कली खिली ना थी
तीर-ए-नज़र चला ना था, ज़िंदगी,ज़िंदगी ना थी
तेरे क़दम की आहटें, बन गई मुस्कुराहटें
मेरा जहाँ बसा दिया
आई जो रुत बहार की, छिड़ गई बात प्यार की
दिल ने तड़प तड़प के फिर तेरे लिए पुकार की
तुम भी कही से आ गये, धीरे से मुस्कुरा गये
दिल को हंसा हंसा दिया