आँखों पे भरोसा मत कर दुनिया जादू का खेल है - The Indic Lyrics Database

आँखों पे भरोसा मत कर दुनिया जादू का खेल है

गीतकार - शैलेंद्र | गायक - रफी, सुधा मल्होत्रा | संगीत - मुकुल रॉय | फ़िल्म - डिटेक्टिव | वर्ष - 1958

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आँखों पेह भरोसा मत कर
दुनिया जादू का खेल है
हर चीज यहाँ एक धोखा
हर बात यहाँ बेमेल है
ो मतवाले हंस ले गा ले
लेय जीने का मजा
इस दुनिया की भीड़ में तू
भी मेरी तरह तन्हा बन जा
आँखों पेह भरोसा

कहने को तोह सब कहते हैं
इस बात में क्या रखा है
पर यह तोह कोई बतलाए

क्या झूठा है क्या सच्चा है
हम दीवाने बस यह जाने
जो कुछ है सो अच्छा है
आँखों पेह भरोसा

इस राह के हम सब रही
पहचान है यह पल भर की
कल को जुदा कर देगी हमको
लहार इस जीवन की
जीने वाले जी बहला ले
कल सोचेंगे फिर कल की
आँखों पेह भरोसा.