नदिया में उठा है शोर शाम सुहानी आई - The Indic Lyrics Database

नदिया में उठा है शोर शाम सुहानी आई

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मोहम्मद रफ़ी, सहगान, तलत महमूद, शमशाद बेगम | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - बाबुल | वर्ष - 1950

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को : झिंगोड़ा, झिंगोड़ा, झिंग झो लाई
हइ हो रब्बा हइ होर : नदिया में उठा है शोर
छाई है घटा घनघोर
जाना दूर हैश : हा
नदी किनारे, साथ हमारे, शाम सुहानी आई
चाँद के रथ पर बैठ के झिल-मिल -२
राथ की रानी आई
शाम सुहानी आईत : आ ह ह हा
नये ज़माने, नये तराने, ले के जवानी आई
सुन-सुन जिसको नाच उठे दिल -२
ऐसी कहानी लाई
शाम सुहानी आईको : झिंगोड़ा, झिंगोड़ा, झिंग झो लाई
हइ हो रब्बा हइ हो -४र : नदिया में उठा है शोर
छाई है घटा घनघोर
जाना दूर हैश : ओ
धरती पर आकाश है जब तक
हो
दिल का नगर आबाद रहेगा
त :ढलता सूरज धूप सुनहरी
आज का मौसम याद रहेगा -२
श : रुत ये रंगीली प्यार की साजन -२
बन के निशानी आई
शाम सुहानी आईदो : नदी किनारे, साथ हमारे, शाम सुहानी आईत : आ