तेरी आँखों की चाहत में तो मैं सबकुछ लूटा दूँगा - The Indic Lyrics Database

तेरी आँखों की चाहत में तो मैं सबकुछ लूटा दूँगा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अनवर | संगीत - राजेश रोशन | फ़िल्म - जनता हवलदार | वर्ष - 1979

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तेरी आँखों की चाहत में तो मैं सबकुछ लूटा दूँगा
मोहब्बत कैसे की जाती है दुनिया को दिखा दूँगा
तेरे नाज़ुक हसीं कदमों के नीचे हमसफ़र मेरे
जहाँ होगा कोई काँटा, वहाँ मैं दिल बिछा दूँगा
तमन्ना है कि रोशन हो, तेरी दुनिया, तेरी महफ़िल
उजाला मिल सके तुझको, तो मैं घर भी जला दूँगा
बहार और चीज़ क्या है फूल कलियाँ किस को कहते हैं
लहू मेरा सलामत मैं, तेरा जीवन सजा दूँगा