गज़ब का है दिन सोचो ज़रा - The Indic Lyrics Database

गज़ब का है दिन सोचो ज़रा

गीतकार - मजरूह सुल्तानपुरी | गायक - अलका याज्ञिक - उदित नारायण | संगीत - आनंद - मिलींद | फ़िल्म - क़यामत से क़यामत तक | वर्ष - 1988

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गज़ब का है दिन सोचो ज़रा
ये दीवानापन देखो ज़रा
तुम हो अकेले, हम भी अकेले
मज़ा आ रहा है, कसम से
देख लो हमको करीब से
आज हम मिले हैं नसीब से
ये पल फिर कहाँ और ये मंज़िल फिर कहाँ
क्या कहूँ मेरा जो हाल है
रात दिन तुम्हारा ख़याल है
फिर भी जान-ए-जां, मैं कहाँ और तुम कहाँ