गाए जा गीत मिलन के, तू अपनी लगन के - The Indic Lyrics Database

गाए जा गीत मिलन के, तू अपनी लगन के

गीतकार - शकील बदायुँनी | गायक - मुकेश | संगीत - नौशाद | फ़िल्म - मेला | वर्ष - 1948

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गाए जा गीत मिलन के, तू अपनी लगन के
सजन घर जाना है
काहे छलके नैनों की गगरी, काहे बरसे जल
तुझ बिन सुनी साजन की नगरी, परदेसिया घर चल
प्यासे हैं दीप गगन के, तेरे दर्शन के
सजन घर जाना है
लूट ना जाए जीवन का डेरा, मुझको है यह ग़म
हम अकेले ये जग लुटेरा, बिछड़े ना मिलके हम
बिगड़े नसीब ना बनके, ये दिन जीवन के
सजन घर जाना है
डोले नैना प्रीतम के द्वारे, मिलने की है धून
बालम तेरा तुझको पुकारे, याद आनेवाले सुन
साथी मिलेंगे बचपन के, खिलेंगे फूल मन के
सजन घर जाना है