मैं तो कुछ भी नहीं - The Indic Lyrics Database

मैं तो कुछ भी नहीं

गीतकार - साहिर लुधियानवी | गायक - Nil | संगीत - Nil | फ़िल्म - दाग | वर्ष - 1973

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आप क्या जाने मुझको समझते हैं क्या?
मैं तो कुछ भी नहीं
इस क़दर प्यार इतनी बड़ी भीड़ का मैं रखूँगा कहाँ?
इस क़दर प्यार रखने के क़ाबिल नहीं मेरा दिल मेरी जां
मुझको इतनी मोहब्बत न दो दोस्तो
सोच लो दोस्तो
इस क़दर प्यार कैसे सम्भालूंगा मैं
मैं तो कुछ भी नहीं
प्यार एक शख़्स का भी अगर मिल सके
तो बड़ी चीज़ है ज़िन्दगी के लिए
आदमी को मगर ये भी मिलता नहीं, ये भी मिलता नहीं
मुझको इतनी मोहब्बत मिली आपसे
ये मेरा हक़ नहीं, मेरी तक़दीर है
मैं ज़माने की नज़रों में कुछ भी न था
मेरी आँखों में अब तक वो तस्वीर है
इस मुहब्बत के बदले मैं क्या नज़र दूँ
मैं तो कुछ भी नहीं
इज़्ज़तें, शोहरतें, चाहतें, उल्फ़तें
कोई भी चीज़ दुनिया में रहती नहीं
आज मैं हूँ जहाँ कल कोई और था
ये भी एक दौर है वो भी एक दौर था
आज इतनी मोहब्बत ना दो दोस्तो
कि मेरे कल की ख़ातिर न कुछ भी रहे
आज का प्यार थोड़ा बचाकर रखो
मेरे कल के लिए
कल जो गुमनाम है, कल जो सुनसान है
कल जो अनजान है, कल जो वीरान है
मैं तो कुछ भी नहीं हूँ
मैं तो कुछ भी नहीं