ओ मेहबूबा, ओ मेहबूबा - The Indic Lyrics Database

ओ मेहबूबा, ओ मेहबूबा

गीतकार - हसरत जयपुरी | गायक - मुकेश | संगीत - शंकर जयकिशन | फ़िल्म - संगम | वर्ष - 1964

View in Roman

ओ मेहबूबा, ओ मेहबूबा
तेरे दिल के पास ही है मेरी मंज़िल-ए-मकसूद
वो कौनसी मंज़िल है जहाँ तू नहीं मौजूद
किस बात पे नाराज़ हो, किस बात का है ग़म
किस सोच में डूबी हो तुम हो जाएगा संगम
बाँहों के तुझे हार मैं पहनाऊंगा एक दिन
सब देखते रह जाएंगे ले जाऊंगा एक दिन